तेंदुआ ,भालू और हाथी जानिए किस जिले को लोग कहने लगे जंगल सफारी

छत्तीसगढ़ के कई जिले ऐसे है जहां तेंदुए, भालू और हाथी नजर आते रहते है, लेकिन इस राज्य में एक ऐसा जिला भी है, जिसे लोग अब जंगल सफारी कहने लगे है, कारण साफ है कि रोजाना किसी न किसी इलाके से जंगली जानवरों के आबादी वाले इलाकों तक पहुंचने की खबर सामने आ रही है, कुछ इलाको में तेंदुआ घर तक घुस आ रहा है और कई लोगों को घायल तक कर चुका है। हम बात कर रहे है कांकेर जिले की, जहां इन दिनों सबसे ज्यादा आतंक तेंदुए का देखने को मिल रहा है, दुधावा में पहले 6 लोग तेंदुए के हमले में घायल हुए थे, उसके बाद यहां से वन विभाग ने दो तेंदुओं को पकड़ा था। अब जिला मुख्यालय कांकेर में तेंदुए नजर आ रहे है, शहर के इमलीपारा, शिव नगर वार्ड में तेंदुए देखे जा रहे है, यही नहीं शहर से लगे कुछ अन्य इलाको में भी तेंदुए रोजाना नजर आ रहे है, जिससे लोग काफी दहशत में है, कुछ इलाको में शाम होते ही लोग घरों में दुबक जा रहे है। बात सिर्फ तेंदुए तक सीमित नहीं है, भालू भी बीते साल शहर के अलग अलग वार्डों में घुस रहे थे और अभी भी शहर के गढ़िया पहाड़ समेत अलग अलग वार्डों से सटे पहाड़ियों से उतरकर भालू वार्ड में घुस जाते है, नरहरपुर ब्लॉक में भी भालू का काफी आतंक रहा है,  लेकिन अब जिले के अन्य इलाको से भी भालू के हमले की खबर सामने आ रही है, भानुप्रतापपुर ब्लॉक , परलकोट इलाके में भी अब भालू देखे जाने और लोगों पर हमला करने की खबर ने चिंता और बढ़ा दी है। भालू और तेंदुए के आतंक से जिलेवासी पहले की परेशान थे लेकिन बीते कुछ सालों से हाथी ने जिले में आमद देकर वन विभाग के नाक में दम कर रखा है, पहले नरहरपुर फिर चारामा फिर दुर्गुकोदल और  अंतागढ़ में हाथी विचरण कर रहा है,  जिसके आतंक से लोग परेशान है, यही कारण है कि जिलेवासी अब सोशल मीडिया में कांकेर जिले को जंगल सफारी नाम से पुकारने लगे है। जंगली जानवरों को शहर और आबादी वाले इलाकों से दूर छोड़ने अब तक कोई मुहिम नहीं चलाई गई है, जिससे लोग काफी दहशत में है, शहर के कई इलाके और आस पास के ग्रामीण इलाके में शाम ढलते ही तेंदुए की दहशत से लोग घरों से निकलना छोड़ रहे है।

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