
कांकेर। छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेशभर के सभी जिलों में एक दिवसीय सामूहिक अवकाश, कामबंद कलमबंद कर “हमला झन करो इनकार हमर सुनो सरकार” के तहत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को लागू करने की मांग की गई। अधिकारी कर्मचारी संघ के हड़ताल से शासकीय दफ्तरों में काम काज प्रभावित हुआ है। इस आंदोलन में कुल 117 संगठनों ने हिस्सा लिया।फेडरेशन की 11 सूत्रीय मांगे है । फेडरेशन का कहना है कि 16 जुलाई को भी एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया था, लेकिन सरकार की ओर से अब तक ठोस पहल नहीं हुई है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।इस दौरान रैली निकालकर कर्मचारियों ने अनुभागीय अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा।


अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की मांगे
1.प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों के लिए मादी की गांरटी अनुसार केन्द्र के समान 2 प्रतिशत महंगाई भत्ता देय तिथि से दिया जाये।
2 प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी अनुसार जुलाई 2019 से समय-समय पर देय महंगाई भत्ते की लबित एरिर्वस राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जावे।
3.वेतन विसंगत्ति एवं अन्य मुददों के लिए गठित पिंगुआ समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाये।
4 .प्रदेश में चार स्तरीय पदोन्नत समयमान वेतनमान क्रमशः 08 वर्ष 16 वर्ष 24 वर्ष एवं 30 वर्ष सेवा पूर्ण कारने उपरात लागू किया जावे।
5.वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जाये। सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त शिक्षक एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी को तृतीय समयमान
6. प्रदेश में अन्य भाजपा शासित राज्यों की भांति कर्मबारियों के लिए कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू किया जाये।
7. प्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति निःशर्त लागू करने स्थायी आदेश जारी किया जावे. वर्तमान में 10 प्रतिशत सिरिंग समाप्त करने हुए सीधी भर्ती के समस्त पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाये।
8. मध्यप्रदेश की भांति इस राज्य के शासकीय सेवकों को 300 दिवस अर्जित अवकाश नगदीकरण
9 प्रदेश के शासकीय सेवकों की पुरानी पेंशन के लाम हेतू एन.पी.एस.खाते में कटौती तिथि से सेवा गणना दिया जाये। की जाये।
10. प्रदेश के विभिन्न विभागों में सेटअप पुनरीक्षित नही होने के कारण अधिकारी कर्मचारियों की कमी को देखते हुए सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जावे।
11. प्रदेश में कार्यरत कार्यभारित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण करते हुए नियमित पदस्थापना में नियुक्त किया जावे।