
कांकेर । छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में धर्मांतरण का मामला दिन ब दिन तूल पकड़ता जा रहा है, कभी मृत व्यक्तियों के कफ़न दफन तो कभी प्रार्थना सभा को लेकर गांव गांव में विवाद खड़ा हो रहा है, ताजा मामला मसीह समाज के 10 नवंबर को न्याय समानता और संवैधानिक अधिकार की मांग को लेकर अधिकार रैली से जुड़ा है, जिला मुख्यालय में रैली का आयोजन होना है, लेकिन रैली से जुड़े प्रचार पोस्टर में सनातन धर्म से जुड़े और इसके अलावा भी अन्य महापुरुषों की फोटो लगाई गई है,जिसका विरोध सर्व समाज ने किया है, सर्व समाज ने सनातन धर्म के महापुरुषों और क्रांतिकारियों की फोटो लगाकर लोगों को बरगलाने का आरोप मसीह समाज पर लगाते हुए रैली नहीं होने देने की चेतावनी दी है, साथ ही मसीह समाज के खिलाफ महापुरुषों की फोटो का दुरुपयोग को लेकर एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की है, सर्व समाज के आक्रोश को देखते हुए आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बैठक भी आयोजित की गई थी, लेकिन बैठक में भी सर्व समाज ने मसीह समाज का कार्यक्रम नहीं होने देने की बात कही है, सर्व समाज से ईश्वर कावड़े ने कहा कि महापुरुषों की फोटो का गलत उपयोग किया गया है साथ ही क्रिश्चियन धर्म अपनाने वाले खुद को आदिवासी क्रिश्चियन लिख रहे है, जो कि पूर्णतः गलत है, उन्होंने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत जब जानकारी मांगी गई थी तो कांकेर में मसीह समाज की संख्या शून्य बताई गई फिर कांकेर में इतनी बड़ी रैली की मांग क्यों की जा रही है, हीरा मरकाम ने कहा कि मसीह समाज की संख्या सरकारी आंकड़े में शून्य है ऐसे में ये यहां के भोले भाले आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के लोगों को बरगला कर धर्म परिवर्तन करवाए है और उनकी ही भीड़ जुटाने की कोशिश करेंगे जिसका विरोध किया जा रहा है, सर्व समाज का कहना है कि पुलिस के समक्ष साफ कह दिया गया है कि मसीह समाज का कार्यक्रम कांकेर में नहीं होने दिया जाएगा और यदि कार्यक्रम होता है और कोई अनहोनी होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और पुलिस की होगी।
