
सुकमा। छत्तीसगढ़ आंध्रप्रदेश की सीमा पर दो दिन पहले ग्रे हाउंड फोर्स ने सबसे खूंखार माने जाने वाले नक्सल लीडर माड़वी हिड़मा को मार गिराया था, जिसके बाद नक्सलवाद की कमर बुरी तरह टूट चुकी है, मारे गए नक्सल लीडर हिड़मा का शव उसके गांव पूर्वर्ती लाया गया है। जहां हिड़मा को देखने उसके गांव और अन्य लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई है, जिसके कारण शव को फिलहाल सीआरपीएफ कैंप में रखा गया है, जिसे कुछ देर में परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
मंगलवार को छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के सीमावर्ती इलाके में जवानों की नक्सलियों से मुठभेड़ हुई थी, जिसमें हिड़मा और उसकी पत्नी राजे समेत 6 नक्सली मारे गए थे, हिड़मा वही नक्सली है जिसकी तलाश पुलिस को कई सालों से थी हिड़मा ही बस्तर में 300 से अधिक जवानों की हत्या का मास्टर माइंड माना जाता है, ऐसे में अब इसके मारे जाने से नक्सल संगठन लगभग खत्म हो चुका है। हिड़मा का उसके गांव में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा, साथ ही उसकी पत्नी राजे का भी अंतिम संस्कार गांव में होगा।
हिड़मा का काला इतिहास
हिड़मा वही नक्सली है, जिसे 2010 के ताड़मेटला कांड , 2012 में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला, सुकमा और बीजापुर में बड़ी संख्या में जवानों की शहादत का दोषी माना जाता है, एक छोटे से गांव से निकलकर हिड़मा नक्सल संगठन का सबसे बड़ा चेहरा बन गया था, जिसका अंत भी उसी तरह हुआ है जैसा उसके कर्म थे।
