
कांकेर। धर्मांतरित लोगों के मौत के बाद कफ़न दफन को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, एक बार फिर धर्मांतरित युवक की मौत के बाद उसके कफ़न दफन को लेकर ग्रामीणों ने जमीन देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद 3 दिन तक युवक का कफ़न दफन का इंतज़ार करता रहा आखिर में उसे जिले से ही बाहर भेज दिया गया। मामला भानुप्रतापपुर क्षेत्र के कोड़ेकुर्से गांव का है जहां के निवासी युवक मनीष निषाद की बीमारी के कारण 4 नवम्बर को इलाज के दौरान मौत हो गई थी, जिसके बाद उसके परिजन शव को लेकर गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने धर्म परिवर्तन कर ईसाई समुदाय में जाने को लेकर गांव में कफ़न दफन से इनकार कर दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद के बाद शव को परिजनों ने पुलिस की मदद से स्वास्थ्य केंद्र के मर्चुरी में रखवाया था, आज सुबह फिर ग्रामीणों की भीड़ थाना पहुंच गई जिसके बाद शव को चारामा भेजा गया लेकिन यहां भी हिन्दू संगठनों ने कफ़न दफन होने नहीं दिया,जिसके बाद शव को जिले से बाहर ले जाया गया है, जिले में यह पहला मामला नहीं है जब धर्मांतरित व्यक्तियों के मौत ने बाद कफ़न दफन को लेकर विवाद खड़ा हुआ हो, आय दिन ऐसे मामले सामने आ रहे है, लेकिन इसके बाद भी अब तक इसका स्थाई हल निकालने कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है, धर्मांतरण के इस खेल में मानवता रोज शर्मसार हो रही है, लेकिन इसे अब तक गंभीरता से नहीं लिया गया है, जिससे रोजाना किसी ना किसी गांव में तनाव की स्थिति बन रही है।
