
कांकेर। पिछले डेढ़ सालों में बस्तर से नक्सलियों के पैर उखड़ने लगे है, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का दावा किया है, लेकिन ये दावा केंद्रीय गृहमंत्री ने यूं ही नहीं किया है, उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों से कई दफा लंबी बैठकें की और नक्सल मोर्चे पर अदभुत साहस दिखाने वाले अधिकारियों को फ्री हैंड दिया। जिनमें कांकेर जिले के पखांजूर थाना में पदस्थ निरीक्षक लक्ष्मण केवट भी शामिल है। लक्ष्मण केवट की बात की जाए तो इनके जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य ही नक्सलवाद का खात्मा है, ये हम यूं ही नहीं कह रहे है, लक्ष्मण केवट के नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन की सफलता इस बात की गवाह है, जिसके कारण वो कई दफा वीरता पुरुस्कार से सम्मानित हो चुके है, इस बार भी स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार ने देश के तीसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।

लक्ष्मण केवट ने अब तक 36 सफल नक्सल ऑपरेशन को अपनी टीम के साथ अंजाम दिया है, जिसमें 92 नक्सलियों के शव बरामद हुए है, अप्रैल 2024 में कांकेर जिले में 29 नक्सलियों के एनकाउंटर को लीड करने वाले भी लक्ष्मण केवट ही थे। 13 अगस्त को कांकेर जिले से सटे मानपुर मोहला में दो बड़े लीडरों विजय रेड्डी और लोकेश सलाम को मार गिराया गया था इस ऑपरेशन में भी लक्ष्मण केवट शामिल थे।
आसान नहीं थी राह, 2012 में नक्सलियों के गढ़ से शुरुआत
लक्ष्मण केवंट 2012 में उप निरीक्षक के रूप में बीजापुर जिले में पदस्थ हुए थे, लक्ष्मण बताते है कि उन दिनों नक्सलियों का आतंक काफी ज्यादा था। TCOC के समय नक्सली जवानों को बड़ी संख्या में नुकसान पहुंचा रहे थे, कुछ साल पहले ही ताड़मेटला में 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे, ऐसे में लक्ष्मण के सामने दो रास्ते थे या तो इस कठिन नौकरी को छोड़कर आम जिंदगी जीते या फिर नक्सलियों के खात्मे में जुट जाते, लक्ष्मण ने दूसरा रास्ता चुना और नक्सलवाद के खिलाफ जो जंग छेड़ी वो आज तक जारी है, 2014 में उप निरीक्षक से निरीक्षक के पद पर पदोन्नत होने के बाद भी लक्ष्मण लगातार नक्सल प्रभावित इलाकों में ही पदस्थ है और अपना कर्तव्य निभा रहे है।92 नक्सलियों का एनकाउंटर लीड करने वाले लक्ष्मण एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से भी जाने जाते है। सन 2022 में लक्ष्मण केवट ने कांकेर पदस्थापना के बाद अपनी टीम के साथ 10 सफल एनकाउंटर में 45 नक्सलियों को मार गिराया है, जिसमें कई बड़े लीडर भी शामिल रहे है, यही कारण है कि उत्तर बस्तर कांकेर में नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है
6 बार राष्ट्रपति पदक, केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक,शौर्य पदक से सम्मानित
लक्ष्मण केवट को नक्सल मोर्चे पर वीरतापूर्वक कार्य के लिए 6 बार राष्ट्रपति पदक मिल चुका है, वही केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक, शौर्य चक्र से सम्मानित हो चुके है। लक्ष्मण को 2016, 2017,2018, 2020, 2021, 2024 में राष्ट्रपति पदक मिला है। इस बार छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया है।