
फरसगांव।कोंडागांव जिले के फरसगांव तहसील में स्थित लैम्स-बडे़डोंगर क्षेत्र के किसान यूरिया और डीएपी खाद की भारी कमी से जूझ रहे हैं। किसानों का आरोप है कि सरकारी समितियों में खाद उपलब्ध नहीं है, जिसका फायदा निजी दुकानदार उठा रहे हैं।
किसानों के मुताबिक, जिस यूरिया का दाम 300 से 400 रुपये प्रति बैग है, उसे निजी दुकानदार 1,000 रुपये तक में बेच रहे हैं। अपनी फसलों को बचाने के लिए मजबूर किसान इन मनमाने दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं।
किसानों ने इस समस्या को लेकर फरसगांव के एसडीएम अश्वन कुमार पुसाम को एक ज्ञापन सौंपा है। एसडीएम ने किसानों को भरोसा दिलाते हुए कहा, “बड़ेडोंगर क्षेत्र के किसान खाद की किल्लत और कालाबाजारी को लेकर ज्ञापन देने आए थे। हमने तुरंत वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी से मामले की जानकारी ली है और विभाग को इस समस्या का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं।”
ज्ञापन सौंपने के बाद, क्षेत्र के किसान बिरजू राम सलाम ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “बड़ेडोंगर क्षेत्र में यूरिया और अन्य खाद की भारी कमी है। अभी किसानों को यूरिया की बहुत जरूरत है, लेकिन सरकारी गोदाम खाली पड़े हैं, जिसका फायदा स्थानीय व्यापारी उठा रहे हैं। वे खाद को तीन से चार गुना अधिक दाम पर बेच रहे हैं, जो सरासर गलत है।”
वहीं, किसान सक्कू नाग ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “जो सरकार खुद को ‘किसान हितैषी’ बताती है, उसे अब किसानों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। सरकारी गोदाम खाली हैं, और खुले बाजार में सबके सामने धड़ल्ले से कालाबाजारी चल रही है, फिर भी शासन-प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। सरकार की कथनी और करनी में भारी अंतर है। मजबूरी में किसान अधिक दाम पर खाद खरीदकर आर्थिक नुकसान उठाने को मजबूर हैं।”
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे 28 अगस्त को NH-30 सड़क पर चक्का जाम आंदोलन करेंगे।
किसानों की मुख्य मांगें:–
* सरकारी समितियों के माध्यम से डीएपी और यूरिया की पर्याप्त और समय पर आपूर्ति।
* निजी दुकानों में खाद के मनमाने दामों पर रोक लगाना और कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई।
* किसानों के लिए खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
इस मामले पर प्रशासन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। किसानों ने कहा है कि अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो उनका आंदोलन जारी रहेगा।