
बस्तर। बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर देश के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन को अब 9 दिन हो चुके है, नक्सलियों के खिलाफ इसे निर्णायक लड़ाई भी कहा जा रहा है, पुलिस के पास जिस कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर टॉप नक्सली लीडरों के होने का इनपुट है उसके नजदीक की दो पहाड़ियों को जवानों ने अपने कब्जे में ले लिया है, अब जवानों की नजर कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर है, जहां हिड़मा, देवा, दामोदर समेत कई बड़े लीडरों के होने का दावा किया जा रहा है, इन्हीं बड़े लीडरों को घेरने देश का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जिसे अब 9 दिन हो चुके है, सफलता के नाम पर जवानों ने अब तक 24 लाख के ईनामी 3 महिला नक्सलियों को ढेर किया है,लेकिन इससे भी बड़ी सफलता है नीलम सराई और धोबे की पहाड़ी पर जवानों का कब्जा होना क्योंकि ये इलाका पूरी तरह से नक्सलियों का था जिसे अब जवानों ने अपने कब्जे में ले लिया है, और यहां जवानों ने तिरंगा भी फहराया है, अब जवानों का अगला टारगेट कर्रेगुट्टा की पहाड़ी है, इस पहाड़ी को कब्जे में लेना ही सबसे बड़ी चुनौती होगी क्योंकि यहां जवानों का सामना नक्सलियों के टॉप लीडरों की टीम से हो सकता है, लेकिन इस भीषण गर्मी में भी जवानों ने जिस तरह से हौसला दिखाया है उससे यह काम भी ज्यादा मुश्किल नहीं लग रहा है, वही दूसरी तरफ जवानों के इस एक्शन से नक्सली बुरी तरह घबराए हुए है, 8 दिन में 3 बार नक्सलियों की तरफ से इस ऑपरेशन को रोकने प्रेस नोट जारी कर सरकार से गुहार लगा चुके है, वही तेलांगना सरकार भी शांति वार्ता की मांग लगातार कर रही है, कई समूह ऑपरेशन रोकने को लेकर आगे आ रहे है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिससे साफ है ये ऑपरेशन रुकने वाला नहीं है और नक्सलियों के खात्मे तक यह ऑपरेशन जारी रहने वाला है।