हिड़मा को घेरने शुरू हुआ देश का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन, तीन राज्यों की फोर्स ने पहाड़ी को घेरा , 

रायपुर। नक्सलवाद के खात्मे को लेकर जारी ऑपरेशन का सबसे बड़ा वक्त आ चुका है, मोस्ट वांटेड खूंखार नक्सली हिड़मा और उसकी बटालियन को जवानों ने बीजापुर और तेलंगाना के बॉर्डर पर  पहाड़ी पर घेर लिया है, बताया जा रहा है कि तीन राज्यों की पुलिस देश के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन में शामिल है, छत्तीसगढ़ के डीआरजी, बस्तर बटालियन, कोबरा के जवान इस सबसे बड़े ऑपरेशन में शामिल है, वही आंध्र प्रदेश की ग्रे हाउंडस, महाराष्ट्र की सी 60 कमांडो की टीम इस ऑपरेशन में शामिल बताए जा रहे है। लंबे समय से इस बड़े नक्सल ऑपरेशन की तैयारी की जा रही थी, जिसमें पहली बार वायुसेना के हेलिकॉप्टर भी शामिल किए गए है, ऑपरेशन पर गए जवानों के लिए खाद सामग्री भी हेलिकॉप्टर की मदद से भेजा जा रहा है। बता दे कि दो दिनों से जवानों का यह ऑपरेशन जारी है लेकिन अब तक जवान उस पहाड़ी पर नहीं चढ़ सके है जहां हिड़मा और उसके बटालियन समेत कई बड़े नक्सलियों की मौजूदगी बताई जा रही है। सूत्रों की माने तो यहां हजार से अधिक संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी है, यह ऑपरेशन अब तक सबसे बड़ा और सबसे मुश्किल ऑपरेशन है , यही वजह है कि अब तक कोई भी आधिकारिक बयान इस ऑपरेशन को लेकर जारी नहीं किया गया है। 

ये है बड़ी चुनौतियां 

जिस कर्रेगुट्टा नड़पल्ली पहाड़ी पर नक्सलियों की मौजूदगी बताई जा रही है उसको लेकर नक्सलियों ने कुछ दिन पहले ही एक प्रेस नोट जारी किया था और ग्रामीणों से इस पहाड़ी की ओर ना आने का जिक्र किया था, नक्सलियों ने ग्रामीणों को चेतावनी दी थी कि इस पहाड़ी के चारों तरफ सैकड़ों  आईईडी बिछाई गई है, ऐसे में जवानों को भी एक एक कदम फूंक फूंक कर रखना होगा, दूसरी तरफ यह खड़ी पहाड़ी है जिसे चढ़ते वक्त नक्सलियों के द्वारा ऊपर से हमला करने का भी डर बना हुआ है, जिससे जवानों को नुकसान हो सकता है, ऐसे में बड़ी ही सावधानी से जवानों को इस ऑपरेशन को अंजाम देना होगा। 

ऑपरेशन सफल रहा तो क्या होगा परिणाम 

यदि देश का यह सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन सफल रहता है और हिड़मा मारा जाता है तो नक्सलवाद के लड़ाकू दस्ते की कमर पूरी तरह टूट सकती है, क्योंकि 2008 से अब तक तमाम बड़े नक्सल हमले में हिड़मा ही मास्टर माइंड रहा है ,जिसमें ताड़मेटला , झीरम घाटी, 2021 बीजापुर हमला शामिल है। यदि ये ऑपरेशन सफल रहा तो यह कहा जा सकता है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का दावा सच हो सकता है। 

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