
कांकेर। धर्मांतरण को लेकर गांव गांव में जारी विरोध के बीच भानुप्रतापपुर ब्लॉक के बोटेचांग गांव में धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम रंग लाती नजर आ रही है, धर्म परिवर्तन करने वाले तीन परिवारों ने अपने मूल धर्म में वापसी की है, आदिवासी समाज से ताल्लकु रखने वाले तीनों परिवार का पैर धोकर मूल धर्म में वापसी करवाई गई है।
अपने परिवार के साथ धर्म परिवर्तन करने वाले नरेश कुमार मंडावी ने बताया कि 2020-21 में पिता की बीमारी के दौरान इलाज के नाम पर ईसाई समाज के लोगों ने उनसे संपर्क कर ईसाई धर्म अपनाने और पिता के इलाज का भरोसा दिलाकर उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया था। उनसे कहा गया था कि वे कुल देवी-देवताओं की पूजा न करें और प्रसाद या पूजा करने वाले परिवार का भोजन न ग्रहण करें। लेकिन समय के साथ उन्हें एहसास हुआ कि अपनी परंपरा और संस्कृति से जुड़कर ही वे सही मार्ग पर रहेंगे। उन्होंने कहा अपने धर्म में वापसी कर हमें गर्व हो रहा है और हम चाहते हैं कि बाकी लोग भी अपने मूल धर्म में लौटें।
नरेश के साथ साथ नरेंद्र मंडावी और मायाराम मंडावी ने भी अपने परिवार के साथ घर वापसी की है। बता दे कि बीते कुछ महीने में कांकेर जिले में धर्मांतरण को लेकर जबरदस्त विरोध देखने को मिला है और गांव गांव में ईसाई समुदाय के लोगों के प्रवेश निषेध के बोर्ड लगाए जा रहे है, यह मामला हाईकोर्ट तक जा चुका है जहां भी ईसाई समाज को राहत नहीं मिली है। बोटेचांग गांव में रविवार को ग्राम सभा की बैठक धर्मांतरण करवाने वाले लोगों के गांव में प्रवेश रोकने को लेकर रखी गई थी,इस दौरान ही तीन परिवारों ने घर वापसी की है, जिनका आदिवासी समाज ने कुल देवी देवता के पूजा के साथ धर्म में वापसी करवाई गई है।
