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ऐसा दशकों बाद : स्कूल की घंटी बजी, तिरंगा भी शान से फहरा ,जहां फिर से खुले स्कूलवहां बदले हालात 
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ऐसा दशकों बाद : स्कूल की घंटी बजी, तिरंगा भी शान से फहरा ,जहां फिर से खुले स्कूलवहां बदले हालात 

बीजापुर। छत्तीसगढ़ सरकार के शांति विकास और सुरक्षा की कवायद के बीच जिला प्रशासन बीजापुर ने इस साल 16 स्थानों पर 20 सालों से बंद स्कूलों का पुनः संचालन शुरू किया है।वहां 2 दशकों बाद  देश का राष्ट्रीय ध्वज शान से लहराया  और भारत माता की जय घोष के साथ वंदे मातरम का नारा लगाया गया। शिक्षा को हर घर तक पहुंचाने की मुहिम और वेंडे स्कूल दायकाल अभियान के प्रभाव से इस साल जिले में 16 स्थानों पर स्कूलों का संचालन प्रारंभ किया गया। इन 16 स्थानों में से 14 गांव ऐसे थे जहां 20 साल से ज्यादा समय से लोगों ने न तिरंगा न राष्ट्रीय पर्व मनाया ।जिला प्रशासन की पहल से इस साल एड्समेटा, करका, कोरचोली, तोड़का, सावनार, नेंड्रा, इत्तावर, रेगडगट्टा, अन्नारम, कोटरापाल, भट्टीगुड़ा, गुल्लागुड़ेम आदि स्थानों पर स्कूल रिओपन हुए जिससे गांव की वादियों में बड़ा बदलाव आना शुरू हो गया है। इन जगहों पर बच्चों की शिक्षा शुरू...
खोखला सिस्टम: जब ग्रामीणों ने खुद बना डाला झोपड़ी वाला स्कूल, जिम्मेदारों को दिखाया आईना 
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खोखला सिस्टम: जब ग्रामीणों ने खुद बना डाला झोपड़ी वाला स्कूल, जिम्मेदारों को दिखाया आईना 

कांकेर। बस्तर संभाग के अंदरूनी इलाकों में विकास पहुंचने का दावा सरकार कर रही है, लेकिन आज के समय में यदि बच्चों के पढ़ने के लिए जर्जर हो चुके स्कूल भवन की मरम्मत तक न हो सके तो  इस दावे पर प्रश्नचिन्ह लगना जायज है।अंतागढ़ के मड़पा गांव से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है, जिसके बाद शासन और प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे है, कि उनका विकास आखिर कहा रास्ता भटक गया है। मड़पा गांव के ग्रामीण अपने बच्चों की शिक्षा के लिए खुद अपने पैसे जोड़कर स्कूल तैयार कर रहे है। कारण यह है कि यहां के बच्चे जिस स्कूल भवन में बैठकर पढ़ते है वो इतना जर्जर हो चुका है कि बारिश में पानी टपकता नहीं है बल्कि बरसता है, यही नहीं दीवारों की हालत ऐसी है कि ये कब गिर जाए और बढ़ा हादसा हो जाए ये कहा नहीं जा सकता, किसी भी पल यह पढ़ने वाले छात्रों के साथ बड़ी घटना घट सकती है। मड़पा में प्राथमिक और माध्यमिक शाला में 44बच्चे अध्ययनरत ...
नन्हें बच्चों ने बांधा समा, मासूमों का डांस और रैंप वॉक देखकर गदगद हुए परिजन, द आई स्कूल का वार्षिक उत्सव सम्पन्न 
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नन्हें बच्चों ने बांधा समा, मासूमों का डांस और रैंप वॉक देखकर गदगद हुए परिजन, द आई स्कूल का वार्षिक उत्सव सम्पन्न 

कांकेर। शहर से सटे सिंगारभाट में इस वर्ष से शुरू हुए द आई स्कूल का पहला वार्षिक उत्सव धूमधाम से मनाया गया। नन्हें मुन्ने बच्चों के शानदार डांस परफॉर्मेंस  और रैंप वॉक ने  परिजनों और मौजूद अन्य लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि  जिला पंचायत सीईओ हरेश मंडावी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत कीद आई स्कूल का संचालन इस वर्ष से शुरू हुआ है जहां प्ले, नर्सरी और केजी के बच्चे अध्यनरत है। अगले वर्ष से कक्षाएं भी बढ़ेंगी। द आई स्कूल पहला स्कूल है जहां बच्चे हिंदी अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं का भी ज्ञान अर्जित कर रहे है, आज कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने जब फ्रेंच भाषा में शब्दों का प्रयोग किया तो पूरा हाल तालियों से गूंज उठा। स्कूल की प्रिंसिपल अंबालिका गुप्ता ने शानदार प्रोग्राम के लिए सभी बच्चों को बधाई दी है, कार्यक्रम को सफल बनाने में  शिक्षिकाओं निकिता श्रीवास्तव, ...