
बस्तर। बस्तर में 15 महीने से जारी नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ ऑपरेशन के बाद नक्सल संगठन में भगदड़ मची हुई है, नक्सलियों के बड़े लीडर मारे जा रहे है, इसके बाद अब नक्सलियों को घबराहट सामने आ गई है, नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय उर्फ वेणुगोपाल की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के सामने शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा गया है। नक्सलियों की तरफ से जारी इस पत्र के बाद पुलिस के अधिकारी एक्टिव मोड पर आ गए है और पत्र की सत्यता जांचने में जुटे हुए है।
15 माह से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ आक्रमक रुख अपनाया गया है, लगातार बड़े एनकाउंटर हो रहे है जिसमें बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए है, नक्सलियों के कई बड़े कैडर ढेर कर दिए गए है। जिसके बाद नक्सलियों का एक पत्र दंतेवाड़ा मुठभेड़ के दौरान पुलिस के हाथ लगा था, जिसमें बड़े लीडर खुद बस्तर के जंगलों को अब खतरा बताते हुए छुपने के लिए कोई ठिकाना नहीं होने की बात कबूल रहे थे, अब नक्सलियों की तरफ से शांति वार्ता का प्रस्ताव दिखाता है कि नक्सल संगठन में भारी दहशत है। लेकिन नक्सलियों ने पिछली बार की तरह इस बार भी कई शर्ते रख दी है, नक्सलियों ने अपनी 7 शर्ते रखी है, लेकिन जिस तरह की शर्ते नक्सली रख रहे है उनका पूरा हो पाना संभव नजर नहीं आता है, पिछली दफा भी नक्सलियों ने इसी तरह की शर्ते रखी थी लेकिन सरकार ने उसका जवाब देना अभी जरूरी नहीं समझा था,जिससे साफ है कि सरकार नक्सलियों से निशर्त वार्ता ही करेगी और यदि नक्सली शर्तों पर शांति वार्ता की बात करेंगे तो ये वार्ता संभव नहीं है और आक्रमक ऑपरेशन जारी रहेंगे।
नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय ने यह बात कबूल भी की है कि 15 माह में उनके 400 से अधिक लड़ाके मारे जा चुके है, अभय ने पत्र के माध्यम से मध्य भारत ने युद्ध को तत्काल रोकने की मांग की है, , नक्सल विरोधी अभियान को रोकने,बस्तर से सेंट्रल फोर्स की वापसी जैसी मांग की है। अब देखना होगा कि केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से इस पर क्या जवाब आता है।