शिक्षादूतों की हत्या से माओवादियों का असली चेहरा उजागर:जी वेंकट

कल्लू ताती की मृत्यु पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने जताया शोक

पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का दिलाया भरोसा

बीजापुर। शिक्षादूतों की हत्या पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जी.वेंकट का बयान आया है। उन्होंने ने कहा कि शिक्षादूतों की हत्या कर नक्सली क्या साबित करना चाहते है,सरकार बन्द स्कूलों को खोलकर शिक्षा से वंचित बच्चो को शिक्षित करना चाहती है,गांव के बेरोजगार युवाओं को शिक्षादूत बनकर उन्हें रोजगार प्रदान कर रही है और दूसरी ओर नक्सली उन्ही शिक्षादूतों की हत्या कर बच्चो को शिक्षा से दूर करना चाहते हैं, इससे स्पष्ट होता है कि नक्सली कभी भी ये नही चाहते कि बस्तर को वो हिस्सा जो उनके कारण पिछले 25 वर्षों से शिक्षा से दूर था अब वो शिक्षित हो सके। क्योंकि नक्सली शिक्षा ही नही बल्कि विकास विरोधी हैं क्योंकि अगर आज के बच्चे शिक्षित होकर जागरूक हो जाएंगे तो उनका वर्चस्व खत्म हो जाएगा।वैसे भी नक्सलियों के लिए अब बस्तर में कोई जगह नही है अपने हथियार के दम पर आतंक को फैलाने के लिए इसीलिए वो अब शिक्षादूतों को अपना निशाना बनाकर आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं पर वो अपने नापाक मंसूबो पर अब कामयाब नही हो पाएंगे।

वेंकट का कहना है  कि शिक्षादूत कल्लू ताती समेत नक्सलियों के हाथो मारे गए उन तमाम शिक्षादूतों की हत्याओ की निंदा करते हुए सरकार से उनके परिजनों को उचित मुआवजा दिलाने का प्रयास भी करेंगे। जी वेंकट ने यह भी कहा कि इन हत्याओं से यह भी स्पष्ठ हो चुका है कि आदिवासियों के हितैषी बनने का ढोंग करने वाले नक्सली ग्रामीणों को मिलने वाले मूलभूत सुविधाओं के भी विरोधी है,मासूम और निर्दोष आदिवासी युवाओं की हत्याए कर वो सिर्फ आतंक फैलाने चाहते हैं।

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